केजरीवाल सरकार की इफ्तार: सबको बुलाया, पर कोई न आया

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने सोमवार को इफ्तार पार्टी का आयोजन किया। इसमें विपक्षी नेताओं, नौकरशाहों से लेकर केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों तक को न्योता था। हालांकि, इनमें से कोई नहीं पहुंचा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने यहां पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि ऊपर वाला उनकी सरकार को सभी बाधाओं से उबरने में मदद करेगा क्योंकि ‘उनकी नीयत ठीक है।’ उन्होंने लोगों से अपील की कि समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे ‘विभाजनकारी तत्वों’ के खिलाफ खड़े हों। यह आयोजन पालिका सर्विसेज आफिसर्स इंस्टिट्यूट के लॉन में रखा गया था। इंतजाम पूरे थे, व्यवस्थित ढंग से कुर्सियां लगी हुई थीं। सजावट का ख्याल रखा गया था और शाकाहारी व मांसाहारी, दोनों तरह के पकवानों का इंतजाम भी था। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के अलाव, यहां केंद्र सरकार का भी कोई प्रतिनिधि नजर नहीं आया। कार्यक्रम शाम 7 बजे से लेकर 8 बजे तक चला। आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों और दिल्ली सरकार के अंदर के लोगों के मुताबिक, उन्होंने ‘प्रोटोकॉल के मुताबिक’ न्योता भेजा था। प्रोटोकॉल के तहत उप राष्ट्रपति, लेफ्टिनेंट गवर्नर, विपक्ष के नेता, सभी पार्टियों के विधायक, सांसद और राजनयिक आते हैं। आप नेताओं की बात करें तो पार्टी के विधायकों और मंत्रियों के अलावा आतिशी मार्लेना और दिलीप पांडे कार्यक्रम में मौजूद रहे। सीएम केजरीवाल शाम 7 बजे के करीब डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन और पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन के साथ पहुंचे। वे साढ़े 7 बजे चले गए। हालांकि, आम आदमी पार्टी से बाहर का कोई शख्स यहां नजर नहीं आया। राजनिवास के अधिकारियों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल राष्ट्रपति भवन में आयोजित गर्वनरों और लेफ्टिनेंट गवर्नरों की कॉन्फ्रेंस में गए थे। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता भी नहीं आए। उन्होंने कहा कि शायद सरकार ने कार्ड के तौर पर औपचारिक न्योता भिजवाया हो। उन्होंने कहा, ‘परंपरा यह रही है कि विपक्ष के नेताओं को कॉल करके न्योता दिया जाता है।’ 2019 आम चुनाव में कांग्रेस के साथ आप के गठबंधन की भले ही अटकलें तेज हों, लेकिन पार्टी का कोई भी नेता इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचा। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की अनुपस्थिति का अंदाजा तो पहले से था। हालांकि, कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व किसी प्रतिनिधि को इस कार्यक्रम में भेजेगा। उधर, कोई नौकरशाह भी इस कार्यक्रम में नहीं आया। चीफ सेक्रेटरी अंशू प्रकाश के साथ कथित तौर पर मारपीट की वजह से अफसरों और दिल्ली सरकार के बीच तल्खी काफी बढ़ी हुई थी। एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘इस तरह के कार्यक्रम राजनीतिक होते हैं। शायद ही कोई अधिकारी इनमें पहुंचता है।’ बता दें कि आप सरकार के 2015 के इफ्तार कार्यक्रम में तत्कालीन एलजी नजीब जंग, पूर्व सीएम शीला दीक्षित, पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन, पूर्व पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित भी पहुंचे थे। 2016 के कार्यक्रम में जंग नहीं पहुंचे, लेकिन अंसारी आए थे। 2017 के कार्यक्रम में कुमार विश्वास नहीं आए थे। उस वक्त आप अंदरुनी उठापटक से गुजर रही थी। पार्टी के मंत्री कपिल मिश्रा ने शीर्ष नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया था।

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