नावों में अपनी पहली जीत से प्रसन्न हैं कई महिला उम्मीदवार

टोरंटो। इस बार टोरंटो में लाल से ऑरेन्ज झंडा लहराने का श्रेय महिलाओं को दिया जा रहा हैं, गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष महिला उम्मीदवारों की जीत अधिक हुई। यद्यपि उनकी संख्या उतनी अधिक नहीं हुई जितनी होनी चाहिए, फिर भी यह माना जा रहा हैं कि जनता के मध्य महिलाओ की जीत नारीवाद का एक अच्छा उदाहरण हैं, जिसके लिए महिलाओं को प्रोत्साहित किया जा सकता हैं कि वे इसी प्रकार उत्साह से आगे आएं तो उन्हें राजनीति में भी अवश्य ही जीत मिलेगी। जील एंड्रू और सुज मोरीसन ऐसे दो नाम हैं जिन्होंने एनडीपी पार्टी में अपनी उम्मीदवारी को सफल बनाते हुए एक उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया। बाहरी नागरिक के रुप में स्वयं को देश में स्थापित किया : एंड्रू एक अश्वेत क्वीर महिला हैं जिन्होंने देश में पीएचडी की शिक्षा उत्तीर्ण करके एक मिसाल कायम की, यह पूर्ण रुप से एलजीटीबीक्यू बुकस्टोर के साथ भी जुड़ी हुई हैं, इनकी मां आदिवासी समुदाय से जुड़ी हुई थी फिर भी इन्होंने कभी हार नहीं मानी और उच्च शिक्षा के साथ एक मिशन में जुट गई और अब राजनीति में भी अपना वर्चस्व स्थापित किया। गौरतलब हैं कि इनकी मां एक विक्लांग थी जो अपने परिवार का बोझ उचित प्रकार से नहीं उठा पा रही थी। लेकिन गत 7 जून को लोगों ने इन दो बाहरी महिलाओं को जीताकर यह सिद्ध कर दिया कि ओंटेरियनस केवल काबलियत पर विश्वास रखते हैं दिखावे पर नहीं। एंड्रू ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे अभी भी विश्वास नहीं होता कि मैं अपनी सीट जीत चुकी हूं, यह जीत केवल मेरी नहीं बल्कि महिलाओं की जीत हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे चाहती हैं कि टोरंटो की महिलाएं एक नए कार्यक्रम ‘वूमेन विन टू’ से जुड़े और अपने विकास के प्रति और अधिक सजग हो। एंड्रू और मॉरीसन दोनों ने अपना राजनैतिक सफर 2014 के नगर निगम चुनावों में भाग लेकर प्रारंभ कर दिया था, उस समय भी एक अल्पसंख्यक होते हुए ये महिलाएं आगे आई और पुरुषों के मध्य डटकर अपने प्रचार प्रसार में लगी रहीं। व्यास ने कहा कि वास्तव में 2018 महिलाओं का युग हैं और उन्हें इस जीत का इस बात का पूर्ण विश्वास हो गया हैं
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