वर्ल्ड चैंपियन मीराबाई चानू एशियाई खेलों से बाहर

एशियन गेम्स से पहले भारत को करारा झटका लगा जब मेडल उम्मीदों में शुमार मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने कमर के दर्द का हवाला देते हुए 18 अगस्त से शुरू हो रहे इन खेलों से नाम वापस ले लिया है. एशियाई खेलों का आयोजन इंडोनेशिया के जकार्ता और पालेनबैंग में 18 अगस्त से 2 सितंबर तक होगा। कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन चानू मई महीने से पीठ दर्द से परेशान चल रही थी और वे पूरी तरह से ट्रेनिंग भी शुरू नहीं कर पाई थी। अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) के सचिव सहदेव यादव ने कहा, मीराबाई चानू एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं लेंगी और मैं इस बारे में आज सरकार को आधिकारिक रूप से मेल करूंगा। चानू ने ईमेल कर एशियाई खेलों से हटने और इस वर्ष होने वाले ओलिंपिक क्वालीफायर के लिए फिट होने हेतु समय मांगा है।

मीराबाई की अनुपस्थिति से एशियाई खेलों में भारत की पदकों की उम्मीदों को झटका लगेगा क्योंकि उन्हें स्वर्ण पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने पिछले वर्ष नवंबर में अमेरिका में विश्व चैंपियनशिप में 194 किग्रा के नए विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता था। यह भारत का विश्व चैंपियनशिप में 22 साल में पहला स्वर्ण पदक था। उन्होंने इसके बाद गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स में राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता। भारत के मुख्य कोच विजय शर्मा ने चानू की फिटनेस को देखते हुए कहा था कि एशियन गेम्स से उन्हें नाम वापस लेकर इस साल नवंबर में होने वाले ओलिंपिक क्वॉलिफायर पर ध्यान देना चाहिए। बता दें कि मीराबाई इस साल मई से पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या से जूझ रही हैं और उन्होंने अभी भी पूरी तरह से भार उठाने का अभ्यास नहीं किया है। पिछले सप्ताह जब दर्द से आराम मिला तो मीराबाई ने मुंबई में अभ्यास करना शुरू किया था लेकिन सोमवार को उन्हें फिर से दर्द शुरू हो गया।

विजय ने कहा कि मीराबाई का दर्द फिर से शुरू हो गया है और वह चोट के बढ़ने का खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगे। डॉक्टरों का कहना है कि उनके लिगामेंट में छोटी चोट है इसलिए वह एमआरआई और सिटी स्कैन में पता नहीं चल पा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि खेल चोटों के विशेषज्ञ डाक्टरों और फिजियो की नियुक्ति नहीं की गई तो भविष्य में भी इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी। शर्मा ने कहा कि अभी भी भारोत्तोलकों के लिये विश्व स्तरीय खेल विशेषज्ञ डाक्टर या फिजियो की नियुक्ति नहीं की गई तो भविष्य में ऐसे और भी मामले हो सकते हैं। गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारतीय भारोत्तोलकों के साथ कोई फिजियो नहीं था। इसके बावजूद मीराबाई की अगुआई में भारतीयों ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हालांकि मीराबाई ने उस समय भी फिजियो की जरूरत पर जोर दिया था। कोच ने कहा कि अगर हमें विश्व स्तरीय भारोत्तोलक चाहिए जो पदक जीत सकें तो उनके लिए खेल विशेषज्ञ डाक्टरों और फिजियो की भी नियुक्ति होनी चाहिए वरना इस तरह की समस्याएं आती रहेंगी। मीराबाई की वापसी की संभावना के बारे में पूछने पर कोच शर्मा ने कहा कि अभी उनका मुंबई में इलाज चल रहा है और वह डाक्टरों के लगातार संपर्क में हैं। ओलिंपिक क्वॉलीफायर नवंबर में है और अभी काफी समय है और उन्हें उम्मीद है कि तब तक वह इससे उबर जाएगी। बता दें कि मणिपुर की इस खिलाड़ी ने पिछले साल नवंबर में विश्व चैंपियनशिप में 48 किलो भारवर्ग में 194 (85किग्रा+109किग्रा) का भार उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 196 किग्रा (86किग्रा+110किग्रा) वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता था, यह राष्ट्रीय रिकार्ड भी है।

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