तलाकशुदा महिला होगी पति की पैतृक संपत्ति में भी हकदार

नई दिल्ली – देश में विवाह कानूनों में महिलाओं के लिए और सहूलियतें बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तलाक की स्थिति में महिलाओं को पुरुषों की पैतृक संपत्ति में से पर्याप्त हिस्सेदारी दिलाने के संदर्भ में मंत्रिसमूह की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि विवाह कानून संशोधन विधेयक पर गठित मंत्रिसमूह की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है। रक्षा मंत्री एके एंटनी की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह के आगे तलाक की स्थिति में महिला को पति की पैतृक संपत्ति में पर्याप्त हिस्सेदारी का यह एक अहम मुद्दा था। महत्वपूर्ण है कि तलाक के मौजूदा प्रावधानों में महिला को पति की अर्जित संपत्ति में हिस्सा लेने का अधिकार है। वहीं प्रस्तावित नए प्रावधान 13 एफ में महिला को पति की पैतृक संपत्ति का अधिकार देने की बात कही गई है। इसके मुताबिक, यदि पूरी पैतृक संपत्ति का विभाजन संभव न हो तो उसके अनुपात में महिला को यथोचित हर्जाना दिया जाए। इसके अनुपात का फैसला तलाक की याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत कर सकती है। मंत्रिसमूह को तलाक पर फैसला देते वक्त न्यायाधीश के विवेकाधिकार के इस्तेमाल पर भी फैसला करना था। इसके अलावा इस समूह ने तलाक चाह रहे दंपति के लिए छह महीने की अनिवार्य इंतजार अवधि प्रावधान में भी रियायत देने को लेकर चर्चा की।

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