बचके श्रीनिवासन जी..पवार भी वापसी के मूड में!

नई दिल्ली। बीसीसीआइ में कई सालों तक अध्यक्ष पद पर विराजमान रहते हुए शरद पवार ने भारतीय क्रिकेट पर अपनी पकड़ बनाकर रखी थी, उसके बाद वह आइसीसी के शीर्ष पद पर रहे और फिर वहां से भी विदा हो गए।
राजनीति में सक्रिय होने के बावजूद उनका बीसीसीआइ को लेकर मोह कभी खत्म नहीं हुआ और अब कयास लगाए जा रहे हैं कि तमाम विवादों में फंसे श्रीनिवासन की गद्दी पर पवार एक बार फिर बैठने के मूड में हैं।
दरअसल, शरद पवार को बीसीसीआइ में वापस आने के लिए किसी ना किसी राय क्रिकेट संघ का हिस्सा बनना जरूरी है और फिलहाल वह किसी क्रिकेट संघ का हिस्सा नहीं हैं। खबरों के मुताबिक पवार मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) के चुनावों के जरिए बीसीसीआइ में आने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन कुछ अंदरूनी कारणों की वजह से एमसीए के चुनाव अक्टूबर से पहले नहीं हो सकेंगे जबकि बीसीसीआइ के चुनाव सितंबर में होने हैं, लेकिन इसका भी हल मौजूद है। नियमों के मुताबिक किसी भी राय क्रिकेट संघ का हिस्सा ना होते हुए भी पवार बीसीसीआइ में वापसी कर सकते हैं, अगर वह एमसीए के जरिए नहीं आ सकते तो वह अपने जोन के किसी और संघ का हिस्सा बनकर बोर्ड में लौट सकते हैं। बोर्ड के ताजा नियमों के मुताबिक अध्यक्ष पद का दावेदार पांच निर्धारित जोन में से ही होना चाहिए और वह जोन जिसकी बारी हो, वह उस दावेदार को आगे रख सकता है। इससे पहले भी 1990 में माधवराव सिंधिया जबकि 1993 में आइएस बिंद्रा ने भी दूसरे राय के क्रिकेट संघों का हिस्सा बनकर बीसीसीआइ अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल किया था।
2000 से 2008 तक बीसीसीआइ के शीर्ष पद पर रहने वाले शरद पवार अब अगर एक बार फिर बोर्ड की कमान संभालना चाहते हैं तो शायद ही उनके दबदबे को देखते हुए उन्हें यादा विरोध का सामना करना पड़े। वहीं, जब पहले से बोर्ड मुश्किलों से घिरा हो और उसके अध्यक्ष (श्रीनिवासन) विवादों के बीच डोल रहे हों, ऐसे में पवार के लिए यह मौका और आसान बन सकता है।

 

 

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