क्यूबेक में आयोजित जी 7 बैठक में पुतिन को आमंत्रित नहीं किए जाने पर ट्रम्प उदास थे

औटवा। आज से चार वर्ष पूर्व कैनेडा के क्यूबेक में आयोजित जी7 शिखर वार्ता के अंतर्गत अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो से इस बारे मे चर्चा करते हुए कहा था कि वे जी7 के सभी सहयोगी देशों के साथ एकसमता व्यवहार चाहते हैं। जून 2018 में आयोजित हुई इस बैठक में यह भी माना गया था कि जी 8 के टूटने के पश्चात वह यह नहीं चाहते कि जी7 के भी टुकड़े हो। ट्रम्प ने अपने संबोधन में हमेशा यह माना था कि जी7 में रुस की उपस्थिति दोबारा हो सके। उस समय ट्रम्प के निवास संबंधी व्यवस्था करने वाले अधिकारी सेन. पीटर बोहम ने मीडिया को बताया कि ट्रम्प वास्तव में यह चाहते थे कि इस शिखर वार्ता में रुस अवश्य रुप से शामिल हो, जिससे वैश्विक व्यापार में पश्चिमी देश और अधिक शक्तिशाली बन सके। उन्होंने आयोजकों से इस बारे में चर्चा भी की थी, जिसके प्रभाव के पश्चात आयोजकों ने रुस के प्रधानमंत्री व्लदीमीर पुतिन को बुलाने की कवायद तेज हो गई। इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बोहम ने बताया कि सभी मित्र देश अपने लिए उचित कार्यवाही करने की एक प्रणाली को सुनिश्चित करें और उसे ही आगे की बैठक के लिए कार्यन्वित करें जिससे इसका लाभ सभी देशों को मिलें। ट्रम्प के जाने के पीछे सबसे बड़े कारणों में से एक कैपीटॉल हिल में हमला बताया रहा है, सूत्रों के अनुसार यदि ट्रम्प चुनाव हारने के पश्चात संयम भरा वातावरण पैदा करने में अपनी भूमिका निभाते तो आज भी अमेरिकीयों के मध्य में भी उनकी अनेक पूर्व राष्ट्रपति की भांति ट्रम्प भी पूरी उम्र उन्हें याद करेंगे। जानकारों के अनुसार जी 7 को प्रोत्साहित करने के लिए ट्रम्प हमेशा कार्यों में लगे रहते थे, इसलिए यह माना जा रहा था कि जैसे एक समय में प्रधानमंत्री पॉउल मार्टन और स्टीफन हार्पर की दोस्ती विश्व प्रसिद्ध थी और बाजारों की माने तो भविष्य में भी ट्रम्प अपनी पुतिन की मित्रता चाहते थे परंतु समय की सटिकता नहीं होने के कारण उनका मिलना नहीं हो पाया।

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