बढ़ा-चढ़ाकर केंद्रीय बजट पेश करने से बढ़ेंगे खर्चें : बजट अधिकारी

औटवा। संसद में पिछले दिनों प्रस्तुत किए गए आम बजट 2021 पर अपनी टिप्पणी देते हुए बजट अधिकारियों का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा यदि वास्तविक अर्थव्यवस्था से बढ़ा-चढ़ाकर बजट निर्माण किया जाएगा तो आंकड़ों के आधार पर खर्चों में भी बढ़ोत्तरी होगी और संभावित आय पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा। सरकारी बजट के आधार पर ही देश के व्यापारी अपनी निवेश योजनाओंं को साकार करते है और आगामी योजनाएं तैयार करते है, जिसमें भी शंकाएं उत्पन्न होगी। इस समय देश में कोविड-19 के कारण बहुत ही भयंकर वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया हैं इस दौरान यदि ओवर स्टेट बजट बनाया गया तो इससे योजनाओं का कार्यन्वयण होने के स्थान पर जटिलताएं पैदा होगी। बजट के अनुमान के अनुसार अगले वर्ष तक देश की अर्थव्यवस्था में एक प्रतिशत का विकास संभव हैं और आगामी वर्ष में देश में लगभग 74000 नौकरियों का सृजन होगा। इसके अलावा सरकार द्वारा यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि घाटों में बढ़ोत्तरी होगी परंतु बिना किसी बड़े निवेश के या करों में बढ़ोत्तरी किए बिना ही लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता हैं। वैसे अर्थशास्त्रियों का यह भी कहना है कि कोई भी देश अनुमान के आधार पर अपना वर्तमान बजट सुनियोजित करता हैं जिससे भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके। इस बार वर्तमान लिबरल सरकार पर अल्पमत होने के कारण गठबंधन की सहमति का भी बोझ शामिल था, जिसे पूर्ण करने के लिए उन्होंने अपनी संभावनाओं से अधिक योजनाएं तैयार की हैं और आशा जताई है कि जल्द ही लक्ष्यों को समय पर प्राप्त किया जा सकेगा।  इस बार का घाटा 400 बिलीयन कैनेडियन डॉलर अनुमानित किया गया हैं। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष नवम्बर में जारी बजट में केंद्रीय घाटा 381.6 बिलीयन डॉलर आंका गया था जोकि केवल छ: माह में इसकी मात्रा बढ़कर 400 बिलीयन डॉलर अनुमानित की गई हैं। जानकारों के अनुसार इतना अधिक केंद्रीय घाटा द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात आज तक नहीं हुआ था। सरकार का इस बार का लक्ष्य लक्जरी उत्पादों पर कर लागू करके वसूलना हैं। इस नीति के अनुसार लक्जरी कारों और प्राईवेट एयरक्राफ्ट आदि जिन वस्तुओं का मूल्य 100,000 कैनेडियन डॉलर से अधिक है, उनसे ही कर वसूलने की योजना होगी।

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