संसद सत्र के पहले प्रशनकाल में ही गंभीर मुद्दों पर हुई जमकर चर्चा

Serious issues were discussed fiercely in the first question hour of the Parliament session.

औटवा। संसद सदस्यों ने इस बार बिना कोई समय नष्ट किए देश के गंभीर मुद्दों पर चर्चा आरंभ कर दी। सरकार के गठन के पश्चात ही संसद के पहले दिन ही सांसदों ने गठबंधन आदि मुद्दों पर चर्चा न करके केंद्र सरकार को देश में बढ़ती मंहगाई पर घेरना आरंभ कर दिया, प्रमुख विपक्षी पार्टी कंसरवेटिवस ने प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनावों के तुरंत बाद ही देश में अत्यधिक मंहगाई बढ़ रही हैं और इसके लिए केंद्र के पास कोई भी योजना तैयार नहीं हैं, आज देश में गैस के मूल्य, ब्रेड के दाम, बेकॉन, लुम्बर और अन्य आधारभूत वस्तुएं आसमान छूते मूल्यों पर हैं, जिसका सीधा संबंध आम कैनेडियनस पर पड़ रहा हैं।

वहीं प्रशनकाल में बोलते हुए कालग्रे के कंसरवेटिव सांसद माईकल रेमपेल ने माना कि ट्रुडो सरकार के कारण ही देश में चिकन के दाम भी बहुत अधिक हो गए हैं, जोकि लोगों की मुख्य आवश्यकता हैं, आम लोगों की पहुंच से दूर होते खाद्य पदार्थों के लिए केंद्र के पास क्या योजना हैं इसके लिए सरकार जल्द ही जवाब दें। उन्होंने स्पीकर को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय व्यापारिक नीतियों को मजबूत करने के स्थान पर सरकार को देश में बढ़ती बेतहाशा महंगाई को काबू करने की योजनाओंं पर ध्यान देना होगा, जिसका सीधा असर कैनेडियनस के आम जीवन पर हो रहा है।

बुधवार को सरकार द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले व्यापारिक बिल पर चर्चा से पूर्व कंसरवेटिवस सरकार को मूलभूत सेवाओं को सामान्य करने पर जोर देते नजर आएं। वहीं दूसरी ओर लिबरल सरकार के समर्थन में खड़ी ब्लॉक क्यूबेकोईस और एनडीपी पार्टियां इसके लिए कोई वाद-विवाद नहीं कर रही थी। ट्रुडो ने अपने समर्थन में खड़े एनडीपी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे इस बार सभी पार्टियों के समर्थन से कार्य करेगें और देश के विकास और कोविड-19 से रिकवरी की नई साझा योजनाओं को अधिक महत्व देंगे।

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