मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ओमीक्रोन को लेकर अभी भी जताई अनिश्चितता

Chief Medical Officer still expressed uncertainty about Omicron

टोरंटो। ओंटेरियो के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. किरेन मूरे ने पत्रकारों को दुनिया में तेजी से फैलते नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर अभी भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी हैं, ज्ञात हो कि ओंटेरियो में दो लोगों में इस वैरिएंट की पुष्टि के बावजूद डॉ. मूरे ने माना कि अभी भी देश में इसके लिए कोई आपातकाल घोषित करने की आवश्यकता नहीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अफ्रीका में सबसे पहले पाएं गए इस वैरिएंट का तेजी से दक्षिण अफ्रीका के सातों देशों में फैलना एक बहुत ही चिंता का विषय बताया जा रहा हैं। लेकिन अभी तक इसका नियाग्रा में कोई भी नए मामले का नहीं पाया जाना इस बात पर अनिश्चितता की स्थिति को सुनिश्चित कर रहा हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सोमवार को आगाह करते हुए कहा कि तेजी से रूप बदल रहा ओमिक्रोन कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल सकता है। इससे संक्रमण बढ़ने का भी खतरा है जिसके चलते कुछ क्षेत्रों में गंभीर नतीजे हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अभी तक दुनिया के किसी देश में ओमिक्रोन के चलते मौत की कोई खबर नहीं है, लेकिन वैक्सीन और पूर्व के संक्रमण के चलते पैदा हुई प्रतिरक्षा को बेअसर करने की इसकी क्षमता का पता लगाने के लिए अभी और अध्ययन की जरूरत है। ओमिक्रोन वैरिएंट के तेजी से फैलने से मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि की आशंका जताते हुए संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने अपने सभी 194 सदस्य देशों से टीकाकरण में तेजी लाने, खासकर अधिक जोखिम वाले समूह के लोगों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने का आग्रह किया। डब्ल्यूएचओ ने कहा, ‘ओमिक्रोन में स्पाइक प्रोटीन वाले हिस्से में बहुत ज्यादा म्युटेशन हुआ है, इनमें से कुछ महामारी की गंभीरता पर संभावित प्रभाव को लेकर चिंता पैदा करते हैं। समग्र रूप से इससे बहुत बड़ा वैश्विक खतरा है।’ हालांकि, एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि ओमिक्रोन के ज्यादा संक्रामक होने के अभी प्रमाण नहीं मिले हैं और दुनिया भर में अभी भी संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले डेल्टा वैरिएंट के ही आ रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा कि ओमिक्रोन का सामने आना दर्शाता है कि स्थिति कितनी खतरनाक और अनिश्चय बनी हुई है। इस वैरिएंट ने वैश्विक स्तर पर महामारी को लेकर एक समझौते की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। उन्होंने इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाने की भी बात कही। टेड्रोस ने कहा कि हमारी मौजूदा प्रणाली देशों को संभावित खतरे से दूसरे को अलर्ट करने से हतोत्साहित करती है। नए समझौते इन सभी मुद्दों को शामिल किया जा सकता है।

अफ्रीका के लिए डब्ल्यूएचओ की क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने दक्षिणी अफ्रीकी देशों के खिलाफ यात्रा पाबंदियां लगाने की आलोचना की है और सदस्य देशों से प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह किया है। उन्होंने यात्रा प्रतिबंध लगाने के बजाय वैज्ञानिक और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों का अनुपालन करने को कहा है। रामफोसा ने दक्षिण अफ्रीका में चौथी लहर की चेतावनी दी आइएएन की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने चेतावनी दी है कि अगर नए मामले बढ़ते रहे तो देश को महामारी की चौथी लहर का सामना करना पड़ सकता है। टेलीविजन पर प्रसारित अपने संदेश में उन्होंने कहा कि ओमिक्रोन देश के हर हिस्से में फैल रहा और यह जारी रहा तो अगले कुछ हफ्ते में हालात गंभीर हो सकते हैं। पहले के 500 मामलों की तुलना में दक्षिण अफ्रीका में पिछले सात दिन में औसतन 1,600 मामले प्रतिदिन सामने आए हैं।

वाशिंगटन से मिली आइएएनएस की ही रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी एंथोनी फासी ने नए ओमिक्रोन वैरिएंट के चलते और टीकाकरण में स्थिरिता की वजह से अपने देश में कोरोना महामारी की पांचवीं लहर आने की आशंका जताई है। फासी ने कहा है कि ओमिक्रोन के अधिक संक्रामक होने के संकेत मिले हैं। हालांकि, उन्होंने रविवार को राष्ट्रपति जो बाइडन को यह बताया था कि ओमिक्रोन पर ठोस जानकारी मिलने में कम से कम दो हफ्ते का वक्त लगेगा। साथ ही यह उम्मीद भी जताई थी कि संक्रमण के गंभीर होने से रोकने में मौजूदा वैक्सीन कुछ हद तक सफल हो सकती हैं।

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