ईरान के उच्च प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों का कैनेडा में प्रवेश पर औपचारिक प्रतिबंध लगाया गया : केंद्र

Officials of Iran's Higher Administrative Department formally banned from entering Canada: Center

Iran's Higher Administrative Department formally banned
Iran’s Higher Administrative Department formally banned

औटवा। केंद्र सरकार ने आज अपनी ताजा घोषणा में कहा कि सोमवार से ईरान के उच्च स्तरीय विभाग के प्रशासनिक अधिकारियों का कैनेडा में प्रवेश बंद (Iran’s high-level administrative officials barred from entering Canada) कर दिया गया हैं। इस बात की जानकारी बॉर्डर एजेंटस को दे दी गई हैं, अब देश में संबंधित विदेशियों के प्रवेश को बंद कर दिया गया हैं। सोमवार को आयोजित प्रैस वार्ता में इस बात को भी सुनिश्चित किया गया हैं कि प्रवासी और शरणार्थी सुरक्षा अधिनियम के सभी अधिकारों का भी ध्यान रखा जाएंगा। केंद्र सरकार ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि इस आदेश में उन अधिकारियों को छूट रहेगी जो पहले से ही कैनेडा में आवास कर रहे हैं।

Prime Minister Justin Trudeau : प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो  ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि 7 अक्टूबर को इस संबंध में मौजूदा परिस्थितियों के आंकलन की घोषणा की गई हैं उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने 76 मिलीयन डॉलर की फंडींग की घोषणा मानव-अधिकारों से संबंधित प्रदर्शनकारियों के क्रेकडाऊन हेतु की गई हैं। ये प्रदर्शनकारी पुलिस कस्टडी में मारे गए 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत पर प्रदर्शन कर रहे थे। उसे सिर नहीं ढकने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लोक सुरक्षा मंत्री मारको मेंडीसीनो ने सोमवार को आयोजित प्रैस वार्ता में यह भी कहा कि कैनेडा में शांति स्थापना के लिए यह मुख्य चरण अपनाया गया हैं। वहीं, ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि जब महसा को गिरफ्तार किया गया था उसके कुछ घंटो बाद ही वे कोमा में चली गईं थी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। जहां बाद में उनकी मौत हो गई।

वहीं परिजनों का कहना है कि महसा बिल्कुल ठीक थी, उन्हें कोई बीमारी भी नहीं थी। फिलहाल महसा की मौत संदिग्ध बताई जा रही है। वहीं, ईरान में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ काम करने वाले एक चैनल का कहना है कि अमिनी महसा की मौत सिर में चोट लगने के कारण हो गई है। फिलहाल इस मामले में वैश्विक स्तर पर ईरान पुलिस और वहां की सरकार की आलोचना की जा रही है। ईरान के लोग भी मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया पर हैशटैग कैंपेंन भी चलाया जा रहा है। गौरतलब है कि ईरान में 1979 में हिजाब को अनिवार्य कर दिया गया था।

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