भारत-अमेरिका संबंध होंगे और बेहतर: बराक ओबामा

नई दिल्ली। दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भाषण धन्यवाद से शुरू हुआ। ओबामा ने गणतंत्र दिवस की परेड के लिए उन्हें भारत आमंत्रित करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत में दूसरी बार उन्हें आमंत्रित करने के लिए वह शुक्रगुजार हैं। ओबामा ने अपने संबोधन में शाहरूख खान, मैरीकॉम, कैलाश सत्याथी और मिल्खा सिंह का भी जिक्र किया। ओबामा ने अपने संबोधन में भारत और अमेरिका के रिश्तों की मजबूती पर जोर दिया। वह बोले कि आने वाले समय में भारत और अमेरिका के संबंध और बेहतर होंगे। उन्होंने कहा, भारत और अमेरिका के बीच की साझेदारी इस सदी के लिए यादगार होगी। वैसे हमारी साझेदारी आज की नहीं है। सौ सालों से भी पहले अमेरिका ने भारत के स्वामी विवेकानंद को स्वागत किया था। अमेरिका में सभी विवेकानंद से बहुत प्रभावित हुए थे। इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में करेंगे सहयोग भारत को अमेरिका के समान बताते हुए ओबामा ने कहा, भारत और अमेरिका कुछ ऐसे देशों की पंक्ति में शामिल हैं जो चांद और मंगल तक पहुंच चुके हैं। भारत और अमेरिका जैसी लोकतांत्रिक शक्तियां यदि एक साथ आ जाती हैं, तो यह विश्व और सुरक्षित हो जाएगा। इसके लिए अमेरिका सदा भारत के साथ खड़ा है। अगर भारत इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कुछ बेहतर करना चाहे, तो हम वो पहले देश हैं, जो मदद के लिए तैयार हैं। न्यूक्लियर हथियार मुक्त विश्व की कल्पना विश्व में परमाणु अप्रसार के मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने एशिया महाद्वीप में जो अहम भूमिका निभाई है अमेरिका उसकी सराहना करता है। हम एक ऐसे विश्व की कल्पना करते हैं जिसमें न्यूक्लियर हथियार न हों। यह हमारा लक्ष्य भी है कि ऐसे विश्य का निर्माण करें जिसमें किसी देश के पास न्यूक्लियर हथियार न हो। ओबामा ने की हंसी-ठिठोली इस बीच ओबामा ने फिल्म डीडीएलजे का डायलॉग, बड़े-बड़े देशों में….. बोलने की कोशिश की। मगर वह बीच में इसे भूल गए। हंसी-ठिठोली के बीच उन्होंने कहा कि आप समझ गए होंगे कि मैं क्या कहना चाहता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि भारत अमेरिका का बेस्ट पार्टनर रह सकता है। जीवन को बेहतर बनाने में अमेरिका भारत को पूरा सहयोग देगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वे अपनी पत्नी से अक्सर सलाह लेते हैं। उन्होंने माना कि उनकी तरक्की में मिशेल की बड़ी भूमिका रही है। नारी शक्ति की जिक्र नारी शक्ति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसी से देश तरक्की करता है। महिलाएं काम करती हैं तो परिवार तरक्की करता है। ओबामा के अनुसार भारतीय परिवारों में मां की भूमिका अहम होती है। इसके साथ ही अपील की कि लडक़ा और लडक़ी को परिवार में समान अधिकार मिलने चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने शाहरूख खान, मैरीकॉम, कैलाश सत्याथी और मिल्खा सिंह का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत में एक समानता यह है कि दोनों देशों की विभिन्नता ही इनकी मजबूती है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि भारत युवाओं का देश है और भारतीय युवा पूरी दुनिया को बेहतर शक्ल दे सकते हैं। अमेरिका-भारत के कॉलेजों को जोडऩे की कल्पना भारतीय युवाओं को मेहनती बताते हुए उन्होंने कहा की अमेरिका और भारत के कॉलेजों को वे एक साथ जोडऩा चाहते हैं ताकि शिक्षा का आदान-प्रदान हो सके।
मजदूरों का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा कि मजदूर देश की तरक्की की रीढ़ होते हैं। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने माना कि रंग की वजह से उन्हें भी संघर्ष करना पड़ा है। ओबामा के अनुसार सब को मिलकर बदलाव लाना होगा।
ओबामा के बचपन की यादें
एक ऐसा क्षण भी आया जब ओबामा भावुक हो गए। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी बचपन की यादों को बांटते हुए बताया कि उनके दादा ब्रिटिश सेना में कुक थे। जब उनका जन्म हुआ तो अमेरिका के कुछ क्षेत्रों में अश्वेत लोगों को वोट देने का भी अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा, हम ऐसे देशों से हैं, जहां एक कुक का पोता देश राष्ट्रपति बन जाता है और एक चाय वाला प्रधानमंत्री। भाषण के अंत में ओबामा ने कहा कि वह पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जो दूसरी बार भारत दौरे पर आए हैं, लेकिन उन्हें यकीन है कि वह आखिरी नहीं होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे का आज अंतिम दिन है।

 

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