कार्बन डाईआक्साइड से बनेगी बिजली!

वाशिंगटन – ग्लोबल वार्मिग के लिए जिम्मेदार कार्बन डाईआक्साइड से बिजली उत्पादन की नई विधि इजाद करने का वैज्ञानिकों ने दावा किया है। उनका दावा है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों और दूसरे स्रोतों से निकलने वाली कार्बन डाईआक्साइड गैस से बिजली पैदा की जा सकती है।
बर्ट हमेलर्स और उनकी टीम ने यह विधि विकसित की है। बर्ट ने बताया कि पूरी दुनिया में कोयला, तेल और गैस से संचालित बिजली उत्पादन संयंत्रों से प्रतिवर्ष करीब 12 अरब टन और घरेलू उद्योगों से 11 अरब टन कार्बन डाईआक्साइड गैस उत्सर्जित होती है। नई विधि में इसे कचे माल के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने बताया कि कार्बन डाईआक्साइड गैस की पानी या किसी दूसरे तरल पदार्थ से प्रतिक्रिया कराए जाने के बाद उसमें इलेक्ट्रान का प्रवाह कराया जाता है, जिससे बिजली पैदा होती है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि यदि बिजली उत्पादन संयंत्रों, उद्योगों और घरों से निकलने वाली गैस का इस विधि से उपयोग किया जाए तो 1570 अरब किलोवॉट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन किया जा सकता है जो अमेरिकी हूवर डैम से उत्पादित होने वाली बिजली से 400 गुना यादा है। वैज्ञानिकों की यह विधि द अमेरिकन केमिकल सोसाइटी [एसीएस] जर्नल में प्रकाशित हुई है।

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