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डिल्मा रूसेफ ने 2015 में ब्राजील के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार सत्ता संभाली. वैसे दुनिया के बहुत से देशों में इस वक्त महिलाएं या तो राष्ट्राध्यक्ष हैं या फिर सरकार का नेतृत्व कर रही हैं. वैसे इतिहास गवाह है कि महिलाएं जब भी सत्ता के शीर्ष तक पहुंची हैं तो आसानी से उन्होंने सत्ता नहीं गंवाई है. फिर चाहे ब्रिटेन की पहली महिला पीएम  मारग्रेट थैचर हों या भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी. लाइबेरिया पहली महिला राष्ट्रपति ने भी शीर्ष पद लंबी पारी खेली. आइये डालते हैं ऐसे ही नामों पर नजर….

एंजेला मर्केल नवंबर 2005 से जर्मनी की चांसलर हैं. उन्हें जर्मनी की पहली महिला चांसलर होने का गौरव भी प्राप्त है.

शेख हसीना वाजेद जनवरी 2009 से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. इससे पहले भी वह 1996 से 2001 तक यह पद संभाल चुकी हैं.

मारग्रेट थैचर 1975 में पहली बार ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनीं और 1990 तक इस पद पर बनी रहीं. 20वीं सदी में इतने लंबे समय तक ब्रिटिश पीएम के पद पर कोई दूसरा नेता नहीं रह पाया.

इंदिरा गांधी 1966 में पहली बार प्रधानमंत्री थीं. इस पद पर पहुंचने वाली वह भारत की पहली महिला थीं. उनकी 31 अक्टूबर 1984 को हत्या कर दी गई थी.

एलेन जॉनसन सिरलीफ ने नंबवर 2005 में लाइबेरिया का राष्ट्रपति पद संभाला था. अफ्रीकी महाद्वीप में पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष बनने का गौरव भी उन्हीं को प्राप्त है. इन्हें 2011 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मनित किया जा चुका है.

तारिया हेलोनेन 2000 में फिनलैंड की राष्ट्रपित बनीं थीं. उन्होंने 2012 तक राष्ट्रपति पद संभाला. हेलोनेन का नाम दुनिया की सबसे ताकतवर महिलाओं की फोर्ब्स लिस्ट में भी शामिल किया जा चुका है.

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में प्रतिभा पाटिल ने 2007 में राष्ट्रपति पद संभाला था.

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