फसल बर्बादी ने 37 और किसानों की जान ली

armerdeath23लखनऊ। मौसम साफ होने से किसान जहां तेजी से खेतों में बची-खुची गेहूं की फसल मढ़ाई कर घर में रखने में लगे हैं, वहीं इस दौरान उपज बेहद कम निकलने पर कई किसानों का दिल भी बैठा जा रहा है। खासकर कर्ज से घिरे किसान फसल बर्बादी का सदमा सहन नहीं कर पा रहे हैं। अन्नदाता की मौतों का सिलसिला जारी है। बीते 24 घंटे में 37 और किसानों की जान चली गई।
बरेली के आंवला में मढ़ाई के बाद कम गेहूं निकलने के सदमे में चंद्रपाल की मौत हो गई। शाहजहांपुर जिले में रामचंद्र तथा राजेंद्र की हार्टअटैक से मौत हो गई। बांदा में किसान गजराज ने फांसी लगा ली। लखीमपुर के खीरी क्षेत्र में बाबूराम, कौशांबी में आशुतोष नारायण शुक्ला और झांसी में अजीत उर्फ हल्के ने फांसी लगा आत्महत्या कर ली। प्रतापगढ़ में राम अधार ¨सह (55) ने उम्मीद से कम अनाज देख जहर खा लिया। श्रीनाथ, भारत लाल, राम अवध पाल व विशेश्वर की सदमे से मौत हो गई। केदारनाथ यादव बर्बादी का सदमा नहीं सह सके। इलाहाबाद में भोलानाथ दुबे ने दिल का दौरा पड़ने पर दम तोड़ दिया। झांसी में किसान कलूटे और रमेश प्रकाश खरे की सदमे से मौत हो गई।
कौन है आप की रैली में किसान की मौत का जिम्मेदार
छेदीलाल पाल और महोबा में बोटा खंगार ने हार्ट अटैक से दम तोड़ दिया। कन्नौज में जनार्दन और उन्नाव में रामखेलावन फांसी पर झूल गए। उरई में तुलसीराम व जालौन में खिलौने, चित्रकूट में दुक्खी की मौत सदमे से हो गई। फीरोजाबाद में हुब्बलाल, मैनपुरी में श्याम सिंह व लायक सिंह भी कम उपज देख चल बसे। अलीगढ़ में परसादी सिंह भी सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाए। कौशांबी में गेहूं की मड़ाई कर रहे लल्लू की खेत में ही मौत हो गई। फैजाबाद में गायत्री देवी व अनारा देवी की मड़ाई के दौरान मौत हो गई। वहीं सदमे से जुग्गीलाल, श्यामलाल, ¨बदेश्वरी की सदमे से मौत हो गई। सुलतानपुर में फूलचंद्र मिश्र की मौत हो गई। कम उपज देखकर बलिया में भानु प्रताप ¨सह, गाजीपुर में उमाशंकर ¨सह और मीरजापुर में मंशाराम ¨बद राजेंद्र की मौत हो गई।

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