डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को लेकर सरकार गंभीर नहींः सीओएआई

NETनई दिल्ली।  नेट न्यूट्रलिटी पर सभी के निशाने पर आई टेलीकॉम कंपनियों ने एक अरब भारतीयों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए सबका इंटरनेट, सबका विकास नाम से कार्यक्रम की शुरुआत की है। शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के मंच पर सरकार पर आरोप लगाया गया कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। अभी भारत इंटरनेट कनेक्शन और प्रसार के मामले में दुनिया में 142 वें स्थान पर है। यानी भारत भूटान से भी नीचे है।
वहीं, नेट न्यूट्रलिटी के पक्ष में चल रहा अभियान अब देश का सबसे बड़ा सोशल नेटवर्क पर चलाया गया जन आंदोलन बन गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) को नेट न्यूट्रलिटी (इंटरनेट तटस्थता) को यथावत बनाए रखने के लिए दस लाख से अधिक लोगों का समर्थन मिला। ट्वीटर, फेसबुक समेत अन्य सोशल नेटवर्किंग प्लेटफार्म पर भी हजारों की तादात में रोजाना टिप्पणी हो रही है।
एक अधिकारी के मुताबिक, कंपनियों को नेट न्यूट्रलिटी खत्म करने से रोकने के लिए अब तक ट्राई को दस लाख से अधिक ई-मेल मिल चुके हैं। इनमें से अधिकतर ई-मेल्स स्मार्टफोन पर इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों के द्वारा भेजे गए। देश में किसी सामाजिक मुद्दे पर इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी तादात में लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज नहीं कराई थी। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
आज अंतिम मौका :
ट्राई ने बीते 27 मार्च को अपनी वेबसाइट के माध्यम से नेट न्यूट्रलिटी के संबंध में देश के लोगों की राय जानने की कोशिश की थी। इसके लिए लोगों को ट्राई की वेबसाइट पर जाकर नेट न्यूट्रलिटी के पक्ष या विपक्ष में मतदान करना था। साथ ही, समर्थन व विरोध के कारणों को भी बताना था। शुक्रवार को अभियान की अंतिम तारीख है।
नहीं मिला कोई नकारात्मक कमेंट :
एक स्वयंसेवी समूह ‘सेव द इंटरनेट’ द्वारा ट्विटर पर बनाए गए हैंडल हैशटैग सेव द इंटरनेट ने इस अभियान को काफी प्रचारित किया और लोगों को ब़ढ़ा-च़ढ़ा कर इस अभियान में शामिल हाने के लिए प्रेरित किया। यह हैंडल ट्राई को इस संबंध में भेजे जा रहे ई-मेल व मैसेजेज को ट्रैक करता है। इस अभियान में अब तक कोई भी नेगेटिव कमेन्ट्स नहीं किए गए। अभियान को शुरू करते समय ट्राई ने केवल 15,000 ई-मेल मिलने होने की उम्मींद जताई थी।
यहां दर्ज कराएं विरोध :
एडीवीक्यूओएस एट द रेट ट्राई डॉट जीओवी डॉट आईएन पर जाकर आप भी नेट की आजादी को बचाने के इस अभियान में शामिल हो सकते हैं।

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