सबसे कठिन यात्रा पर निकला सोलर इंपल्स-2

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बीजिंग। विश्व भ्रमण पर निकला पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित विमान सोलर इंपल्स-2 रविवार को यहां से अभियान की सबसे कठिन यात्रा के लिए रवाना हुआ। चीन के नानजिंग से उड़ान भरने वाला इंपल्स-2 आठ हजार किमी की यात्रा कर हवाई द्वीप पहुंचेगा। उसे यह यात्रा पूरी करने में छह दिन का वक्त लगेगा। सोलर इंपल्स-2 ने गत 21 अप्रैल को चीन में लैंडिंग की थी और इसे पांच मई को उड़ान भरनी थी। लेकिन मौसम खराब होने की वजह से पिछले एक महीने से भी ज्यादा वक्त से यह विमान चीन में था। सोलर इंपल्स-2 नौ मार्च को अबूधाबी से चला था जो भारत और म्यांमार से होते हुए चीन पहुंचा था। 8175 किमी का सफर तय कर सोलर इंपल्स-2 हवाई में उतरेगा। उसके बाद अमेरिका और अफ्रीका से होते हुए अबूधाबी पहुंचेगा। इस दौरान विमान को प्रशांत महासागर के ऊपर से भी गुजरना होगा। विमान को पहले स्विट्जरलैंड के दो पायलट उड़ा रहे थे, लेकिन अब सिर्फ एक पायलट ही उड़ाएगा। पायलट आंद्रे बॉर्सबर्ग पूरी यात्रा के दौरान एक बार में सिर्फ 20 मिनट की झपकी ले सकेंगे। इतने ही समय तक विमान स्वत: नियंत्रित रह सकता है।

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