जगमीत सिंह का लक्ष्य बेरोजगार मिटाना

सिंह ने कहा कि वह न्यूनतम मजदूरी 15 डॉलर से बढ़ाने की कोशिश करेंगे, उन कंपनियों को प्रतिबंद्धित या बंद करवाने में अग्रसर रहेंगे जो इंटरनशिप के नाम पर युवाओं को कोई वेतनभत्ता नहीं देते।
औटवा। एनडीपी नेतृत्व के उम्मीदवार जगमीत सिंह ने माना कि वह देश में बढ़ती बेरोजगारी को काबू करने का भरसक प्रयास करेंगे, उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हमारी नई नीतियों में बेरोजगारी नियंत्रण और असमानता को मिटाने का प्रमुख लक्ष्य रहेगा। उन्होंने अपने साक्षात्कार में यह भी कहा कि न्यूनतम मजदूरी भी 15 डॉलर से बढ़ाकर अधिक करने पर पूरा जोर रहेगा। सिंह ने माना रोजगार उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नई योजनाओं की आवश्यकता हैं जिसे पूरा किए बिना इस लक्ष्य की प्राप्ति करना असंभव होगा। उन्होंने कहा कि मेरे अनुभव को देखते हुए इस स्थिति पर काबू पाने से ही अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण पाया जा सकता हैं, जिसके पश्चात ही ऐसे कार्यों को पूर्ण करने की उचित कार्यवाही की जा सकती हैं। अपनी जीत के लिए सुनिश्चित जगमीत सिंह ने कहा कि समय बताएगा कि वह यह पद हासिल करेंगे या नहीं, 47,000 लोगों को संबोधित करते हुए ब्रैम्पटन में आयोजित एक रैली में उन्होंने कहा कि यह सब बहुत अच्छा लग रहा हैं, जब इतने लोगों का प्यार मुझे मिल रहा हैं, इसी क्षेत्र से 2011 में उन्होंने प्रांतीय सीट पर अपनी जीत हासिल की थी। सिंह के इस प्रकार के साक्षात्कार भी उनके ऑनलाईन मित्र सोशल मीडिया पर अपडेट कर रहे हैं, जोकि उनके आशावादी प्रचार को पेश कर रहे हैं।यह प्रचार सिंह की स्टाईल में हो रहा हैं: कैनेडा के लोगों को अपने प्रति आश्वस्त करने के लिए सिंह ने आम बोलचाल की भाषा को चुना हैं इसके लिए वह स्थानीय माध्यमों से प्रचार कर हैं जिससे स्थानीय लोग उनसे प्रभावित हो। यह बात तो सुनिश्चित हैं कि उनके इस स्टाईल से दोनों स्थानीय लोग और राजनेता दोनों प्रभावित हो रहे हैं, इसके लिए उन्हें कई प्रकार के शुभकामना संदेश भी प्राप्त हुए, इसके साथ साथ वह अपने पहनावे को भी बहुत सादा रख रहे हैं, कारी बेलानरगर ने कहा कि उनकी टीम बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं, और लोगों के मध्य उनकी एक साफ और अच्छी छवि बनाने में बहुत हद तक सफल हो पाई हैं। माना जा रहा हैं इस दोड़ में और भी कई नेता शामिल हैं, जिनके लिए अन्य पार्टी सदस्यों को शामिल करना मुश्किल हो रहा हैं जितना आसान सिंह के लिए यह कार्य हैं।
You might also like

Comments are closed.