पील पुलिस को किया गया पुरस्कृत

ब्रैम्पटन। प्रख्यात व गुमशुदगी के अंधेरे में खोए हुए पूनम लिट मृत्यु के केस को न्याय दिलवाने के लिए ब्रैम्पटन परिवार ने पील प्रांतीय पुलिस के एक ग्रुप को सम्मानित किया, जिनकी लगन व परिश्रम से इस केस का खुलासा हुआ और लोगों को सच्चाई का पता चला। ज्ञात हो कि 2009 में 27 वर्षीया पूनम लिट के खोने की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई, परिजन इसे एक अपहरण और उसके पश्चात मौत के घाट उतार देने का केस समझ रहे थे। जिसका शक उसके जीजा मंदीप पुनिया, देवर सिंकदर पुनिया और ससुर कुलवंट लिट पर बताया जा रहा था, परन्तु सबूतों के अभाव में यह जांच पूर्ण नहीं हो पाई और केस को बंद कर दिया गया। उसके पश्चात 2012 में इस केस को दोबारा खोला गया, जब एक दिन पूनम के पति मंजीनद्र ने पुलिस स्टेशन में बयान दिया कि कैसे संपत्ति के लिए उसके पिता ने ही उसकी हत्या की थी। इसके पश्चात मंजीनद्र के बयान के आधार पर 13 लोगों की एक टीम इस केस की जांच में लग गई और कड़ी मेहनत व परिश्रम से सबूत इक_े किए गए जिससे असली आरोपी पुलिस की गिरफ्त से छूट न सके। इस  सच्ची लगन के लिए इन पुलिस अधिकारियों को सम्मानित करना उनका अधिकार होगा, जिससे ये भविष्य में भी अपना कार्य उतनी ही तलीन्नता से कर सके। इस टीम में शामिल थे : कॉन्सटेबल बलदीप आउजला, हैरी अटवाल, कमरबीर देयॉल, अर्श्र धामी, गुलाब ढिल्लन, करमजीत ग्रेवाल, रिचर्ड गुट, अमरप्रीत सोही, हरींद्र सोही,माईक वाकर, ओपीपी डीईटी./एसजीटी. स्टीफन कोले, डेट. एसजीटी जीन पैरीर मॉराइस और एसजीटी. फीलीप किंग।
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