बजट के बचाव में बोले वित्तमंत्री, कहा दोनों प्रकार की योजनाओं को समान अवसर

मॉरन्यू ने कहा कि इस बार बजट में लघु व दीर्घ कालीन दोनों योजनाओं को समान रुप से प्रावधानित करने का लक्ष्य रखा गया है।
औटवा। वित्तमंत्री बिल मॉरन्यू द्वारा पेश किए बजट के बाद विपक्षियों द्वारा भारी भरकम टैक्स लगाने को लेकर वर्तमान सरकार की गहरी निंदा की जा रही हैं, सूत्रों के अनुसार सरकार ने लघु योजनाओं पर अधिक ध्यान दिया जिससे अमेरिका की नीतियों के साथ कैनेडा अधिक सामंजस्य नहीं बिठा सकेंगा। इसके बचाव में बिल मॉरन्यू ने कहा कि हमने दीर्घ कालीन व अल्प कालीन दोनों प्रकार की योजनाओं की रुपरेखा तैयार की हैं। केवल यह कहना कि अल्प कालीन योजनाओं को देखें, उचित नहीं। मॉरन्यू इक्रॉमिक क्लब ऑफ कैनेडा को संबोधित कर रहे थे, औटवा को आगामी चुनौतियों का भी पूर्ण ज्ञान हैं इसलिए उन्होंने नाफ्ता और अमेरिकी व्यापारिक करों के लिए दीर्घ कालीन घरेलू जोखिमों की आवश्यकता थी, जिसे अपनाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि नए निवेशों के लिए हाऊस ऑफ कॉमनस ने बिलीयनस डॉलरस का खांचा तैयार किया हैं, जिसमें महिलाओं की भागीदारी श्रम-जगत में भी शामिल हैं। लिबरल सरकार द्वारा आगामी वर्षों में सभी को आय के लिए 20 बिलीयन डॉलर का प्रावधान भी हैं, कैनेडा दोनों प्रकार से खेलेगा लंबे खेल व छोटे खेल, बस उसे समझने के लिए समय की प्रतीक्षा करनी होगी। सरकार ने बताया कि वर्तमान में कैनेडा का घाटा 18.1 बिलीयन डॉलर आंका गया हैं जिसे आगामी वर्षों में कम करते हुए 2022-23 तक इसे 12.3 बिलीयन डॉलर करने का लक्ष्य हैं। मॉरन्यू ने यह भी बताया कि निम्र राजस्व एंकर के लिए शुद्ध ऋण को जीडीपी रेशो के अनुपात में करेंगे, जिसे औटवा के ऋण भार से मापा जाएगा। बजट में यह भी आशा की गई हैं कि यह प्रति वर्ष कम होता रहेगा।
कैनेडा संसद में विपक्ष लाएगा भारत की एकता के समर्थन में प्रस्ताव
टोरंटो। पिछले सप्ताह दिल्ली में कैनेडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो के रात्रिभोज में पूर्व खालिस्तानी आतंकी जसपाल अटवाल को निमंत्रण दिए जाने के विवाद ने कैनेडा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष भारत की एकता व अखंडता के समर्थन और खालिस्तानी अलगाववादियों की निंदा के लिए एक प्रस्ताव लाने जा रहा है। ट्रुडो के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ‘ट्रुडो की भारत यात्रा को नुकसान पहुंचाने के मकसद से भारत सरकार के कुछ तत्वों द्वारा अटवाल को निमंत्रण भेजने की साजिश का आरोप लगाया था। ट्रुडो ने इस बात का विरोध नहीं किया, जिसके बाद कैनेडा की संसद में मंगलवार को इस मुद्दे को उठाया गया। भारत ने इन आरोपों को आधारहीन और अस्वीकार्य बताते हुए खारिज कर दिया है। इस पर विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी ने बुधवार को टड्रो से भारत के खंडन पर प्रतिक्रिया देने को कहा। ट्रुडो ने अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों का बचाव किया था और कहा था कि जब हमारे शीर्ष राजनयिकों में से कोई या सुरक्षा अधिकारियों में से कोई कैनेडा के लोगों से कुछ कहता है तो वह इसलिए क्योंकि वह जानता है कि यह सच है। भारत के खिलाफ आरोपों को अजीब बताते हुए विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के नेता एंड्रयू शीर ने प्रधानमंत्री ट्रुडो से कहा कि क्या प्रधानमंत्री अपने इस साजिश सिद्धांत के समर्थन में कोई सबूत पेश करेंगे? विपक्षी दल खालिस्तानी अलगाववादियों की निंदा और भारत की एकता के समर्थन में गुरुवार को संसद में प्रस्ताव लाने जा रहा है। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि ट्रुडो और उनकी पार्टी के कई सिख सांसद इस प्रस्ताव पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, यह तो समय ही बताएगा।
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