जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से ओंटेरियो में तेजी से फैल रही हैं टिक-बॉर्न बीमारियां : डॉ. किरेन मूरे

Tick-borne diseases are spreading rapidly in Ontario due to the effects of climate change: Dr. Kieren Moore

टोरंटो। ओंटेरियो के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. किरेन मूरे ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि इस समय ओंटेरियो में टिक-बॉर्न संबंधित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। उन्होंने माना कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये बीमारियां इतनी तेजी से बढ़ रही हैं। मौजूदा वातावरण बदलावों के कारण एनाप्लाज्मोसीस, बैबेसीओसीस और पॉवासन वायरस बहुत अधिक प्रसारित हो रहा हैं और इसका सबसे अधिक प्रभाव आम लोगों पर पड़ रहा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय हम सभी प्रकार के पहलुओं पर कड़ी नजर बनाएं हुए हैं और राज्य सरकार इस बारे में सभी प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए योजनाएं बना रही हैं।

उन्होनें यह भी माना कि पिछले कुछ वर्षों में इस प्रकार की समस्याएं देखने को मिल रही हैं जब असमय मौसम परिवर्तन से संबंधित बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। ओंटेरियो के स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि आम तौर पर ये बीमारियां उत्तर पूर्वी, उत्तरी अमेरिका क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला। डॉ. मूरे की रिपोर्ट के अनुसार लाइम डिजीज एक तरह के टिक्स के काटने से होने वाली बीमारी हैं। ये टिक्स देखने में बहुत छोटे होते हैं और आमतौर पर घने जंगलों और तराई क्षेत्र में पाएं जाते हैं। इन टिक्स या इंसेक्ट्स को डियर टिक्स के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी शुरु तो एक छोटे से लाल घेर के रुप में होती है। लेकिन बैक्टीरियल डिजीज होने के कारण यह शरीर में अंदर-अंदर फैलती रहती है। दिक्कत की बात यह है कि इस बीमारी को डायग्नॉज करना अपने आपमें एक बड़ी चुनौती हैं, क्योंकि टिक के काटे हुए छोटे से निशान में कोई जलन, खुजली, सूजन या दर्द की समस्या नहीं होती है। लेकिन बैक्टीरिया शरीर के अंदर प्रवेश कर चुका होता हैं ओर धीरे-धीरे फैलने लगता हैं।

मूरे ने यह भी माना कि पिछले दो-तीन वर्षों में कैनेडियनस का लाईफ स्टाईल बहुत अधिक बदला हैं और लोगों ने अपनी दिनचर्या में भी बहुत अधिक परिवर्तन किया हैं जिसके कारण यह डिजीज बीमारियां अपनी चपेट में लेते ही व्यक्ति को जल्दी से अपने संक्रमण में ले लेते हैं। पहले ये बीमारी आमतौर पर अमेरिका के वानिकी क्षेत्रों में देखने को मिलती थी, परंतु अब इसका प्रवेश कैनेडियन शहरों में हो गया हैं, जिसके कारण यह चिंता और अधिक बढ़ गई हैं। डॉ. मूरे ने अपने साक्षात्कार में यह भी माना कि लाइम डिजीज का सबसे पहला लक्षण तो शरीर पर हुआ लाल निशान होता है। जिसका आकार गोल होता है और यह चकते की तरह होता है। इसके लक्षण कॉमन कोल्ड और फीवर की तरह होते हैं। यानी व्यक्ति को फ्लू, सर्दी, खांसी, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द की समस्या होती है। तेज बुखार हो सकता हैं।

अगर लाइम डिजीज गंभीर स्थिति में पहुंच जाती है तो यह शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगो और कार्यों को प्रभावित कर सकती है। इसमें चेहरे के एक्सप्रेशन, जबड़े का खुलना बंद होना, आंख का खुलना और पलकें झपकना और होठों के मूवमेंट्स तक सब प्रभावित हो जाते हैं। डॉ. किरेन मूरे ने यह भी बताया कि लाइम डिजीज से बचने का सबसे आसान तरीका है कि उन क्षेत्रों में जाने से बचे जहां यह एक आम बीमारी बन चुकी है या जहां इसे फैलाने वाले टिक्स पाए जाते हैं। उन्होंने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस मौसम में सभी नागरिक अधिकतर फुल स्लीव्स के कपड़े पहने जिससे इस प्रकार की बीमारियों की चपेट में आने से बचे।

You might also like

Comments are closed.