बेघर शरणार्थियों की मादद के लिए आगे आएं स्थानीय लोग

- टोरंटो के शैल्टर रेफरल सेंटर के बाहर सोने के लिए मजबूर शरणार्थियों की मदद के लिए आम लोग कर रहे हैं विभिन्न प्रकार से मदद।

Local people come forward to help homeless refugees

टोरंटो। पीयरसन एयरपोर्ट पर टैक्सी चलाने वाले लौरानी लैम को अब डर लगता है कि विदेशों से अब और अधिक शरणार्थी केनेडा में शरण मांगने नहीं आ जाएं, जिससे न केवल भोजन संबंधिी समस्याएं ही नहीं अपितु आवासीय संकट भी और अधिक गहरा सकता हैं। लैम ने पत्रकारों को बताया कि अब देश में और अधिक शरणार्थियों को वहन नहीं किया जा सकता, इसके लिए संबंधित यूनियनों का भी मानना है कि इस समय केवल टोरंटो ही नहीं अपितु पूरे देश में ऐसे शरणार्थी बहुत अधिक परेशानी का सामना कर रहे हैं।

उनका मानना है कि टोरंटो में सरकारों द्वारा टोरंटो अर्फोडेबल हाऊसींग और गरीबी-विरोध समर्थक संगठन लगातार प्रयास कर रहे हैं इन बेघरों के लिए जल्द ही कोई उचित व्यवस्था हो जिससे भविष्य में इन बेसहारा लोगों को उचित मदद द्वारा कैनेडा में स्थापित करने में मदद की जा सके। उन्हें यह देखकर बहुत दु:ख हो रहा है कि इस स्थिति में 9 और 13 साल के बच्चे भी खुली छत के नीचे सोने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस परिस्थिति में भी सिटी द्वारा आपतिक शैल्टर सेवा आरंभ नहीं की गई हैं, जिसके अंतर्गत प्रभावितों को अस्थाई आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाई जाती हैं।

इस महिला शरणार्थी के बारे में बताते हुए लैम ने कहा कि होटल में रहने के लिए इस महिला ने अपनी एक-एक पैनी खर्च कर दी और अब यह सिटी के एमरजंसी शैल्टर लाईन में रहने को मजबूर हैं। गत दिनों केंद्र सरकार द्वारा भी ऐसे शरणार्थियों के लिए आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने की बात स्वीकारी गई थी। जिसके अनुसार केंद्र सरकार ने देश के वर्तमान शरणार्थियों की मदद के लिए 97 मिलीयन डॉलर से भी अधिक की अनुदान राशि की घोषणा की हैं।

गत मंगलवार को इस संबंध में सरकार की ताजा घोषणा में प्रवासी मंत्री सीन फ्रेसर ने मीडिया को बताया कि यह घोषणा सरकार की शरणार्थियों को दी जाने वाली 210 मिलीयन डॉलर की योजना का पहला भाग होगा। सरकारी सूत्रों ने भी माना कि इस समय शरणार्थियों के सामने सबसे बड़ी समस्या आवास की हैं, जिस समस्या को दूर करने के लिए स्थाई प्रबंध करना आवश्यक हो गया हैं। इस समय भी सैकड़ों शरणार्थी नॉर्थ योर्क के एक बंद चर्च के बाहर अस्थाई कैम्पों में निवास कर रहे हैं। फ्रेसर ने यह भी बताया कि लगभग 30 या इससे भी अधिक लोग इस मजबूरी के हालातों में कैम्पों से बाहर सोने को मजबूर हैं जिनकी समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। इस संबंध में देश के कई मानवीय अधिकार संगठनों का मानना है कि सरकार को इन परिस्थितियों के बारे में पहले से ही उचित प्रबंध करने चाहिए थे, जिससे ये स्थितियां बिगड़े ही नहीं, परंतु ऐसा कुछ नहीं किया गया और अब समस्या अधिक बढ़ गई हैं।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों टोरंटो मेयर ओलिवीया चाव ने भी अपने संदेश में सरकार से इस संबंध में आपतिक मदद की गुहार लगाई थी, उनका मानना था कि इस समय देश में शरणार्थियों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी होने से कई प्रकार के संकट उत्पन्न हो रहे हैं और उन्होंने यह भी माना कि इसके लिए शीघ्र करके 150 से अधिक स्थानों की आवश्यकता हैं, जिसके लिए पहले होटल अनुबंधों को पुन: खोला जाएंगा और अतिरिक्त 100 नई यूनिटों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जाएंगा।

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