फाइनल में हारे चारों भारतीय मुक्केबाज, रजत पर थमा सबका सफर

ग्लास्गो। स्वर्ण जीतने के लक्ष्य के साथ कॉमनवेल्थ गेम्स के रिंग में उतरे भारतीय मुक्केबाजों के सफर ने रजत तक पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया। स्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह सहित फाइनल में पहुंचे चारों भारतीय मुक्केबाजों को शनिवार को सबसे अहम मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। अनुभवी विजेंद्र के अलावा मनदीप जांगड़ा, आक्रामक युवा मुक्केबाज देवेंद्रो सिंह और अनुभवी महिला मुक्केबाज सरिता देवी भी भारत को सोना नहीं दिला सकीं। हालांकि भारत की झोली में चार रजत पदक जरूर जुड़ गए।

सभी भारतीय मुक्केबाजों की हार के बाद मुक्केबाजी स्पर्धा के आखिरी मुकाबले में विजेंद्र उतरे, तो लगा कि जो कोई नहीं कर पाया, वह विजेंद्र करेगा। लेकिन इंग्लैंड के एंटोनी फॉलर के खिलाफ 75 किग्रा भार वर्ग के इस मुकाबले के पहले ही राउंड में स्वर्ण जीतने की भारत की बची खुची उम्मीदें भी समाप्त हो गई। विजेंद्र पहले ही राउंड में घुटनों पर आ गए। दूसरे और तीसरे राउंड में भी इग्लिश मुक्केबाज विजेंद्र पर पूरी तरह से हावी दिखा।

इससे पहले 69 किलो भार वर्ग के फाइनल में हरियाणा के मनदीप जांगड़ा के दयनीय प्रदर्शन ने भारतीय प्रशंसकों का दिल तोड़ दिया। इंग्लैंड के स्कॉट फिट्जगेराल्ड के जोरदार घूंसे खाकर वह कई बार रिंग में पस्त होकर गिर पड़े। मुकाबले में उन्होंने तीनों राउंड गंवाए।

महिला लाइटवेट वर्ग (57-60 किग्रा) के फाइनल में सरिता देवी को ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज शैली वाट्स के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी, जबकि पुरुषों को लाइट फ्लाइवेट वर्ग (46-49 किग्रा) देवेंद्रो को उत्तरी आयरलैंड के पैडी बंर्स से हार मिली। बंर्स के खिलाफ मुकाबले में देवेंद्रो ने आक्रामक रुख जरूर अपनाया, लेकिन उत्तरी आयलैंड के मुक्केबाज के सामने उनकी एक नहीं चली और वह 0-3 से मुकाबला गंवा बैठे। विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सरिता देवी ने हालांकि विपक्षी मुक्केबाज को टक्कर दी, इसके बावजूद वाट्स 3-0 से मुकाबला जीतने में सफल रहीं।

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