नवाज शरीफ के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का आदेश

 

लाहौर। पाकिस्तान की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, उनके भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ समेत 19 लोगों पर जून में पाकिस्तान अवामी तहरीक के मुख्यालय में 14 लोगों की हत्या के मामले में आरोप दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने कहा है कि वह अदालत के इस फैसले को लाहौर हाइकोर्ट में चुनौती देगी।

उधर, पाकिस्तान में सरकार विरोधी दो रैलियों में शामिल नेताओं ने शनिवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटाने का संकल्प लिया। इमरान खान और धार्मिक नेता ताहिर उल कादरी के नेतृत्व वाले विरोधी समूह का आरोप है कि पिछले साल के चुनाव में हेराफेरी हुई है। लिहाजा वो शरीफ पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।

इन नेताओं का कहना है कि जब तक शरीफ इस्तीफा नहीं देते हैं तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे। दोनों नेताओं के हजारों समर्थक इस्लामाबाद में जमा हो गए हैं। इससे 15 महीने पुरानी शरीफ सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख खान ने कहा, ‘किसी भी स्थिति में हम पिछले साल के चुनाव को स्वीकार नहीं करेंगे। शरीफ के पास एक ही विकल्प है, इस्तीफा दें और फिर से चुनाव का आदेश दें।’ बारिश के बीच समर्थकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह लोकतंत्र को पटरी से नहीं उतार रहे हैं क्योंकि देश में लोकतंत्र है ही नहीं।

लाहौर से करीब 35 घंटे में 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद पहुंचे हैं। खान ने घोषणा की कि वह शरीफ के इस्तीफा देने तक धरने पर बैठेंगे। बारिश और यात्रा के कारण खान को बुखार हो गया है। इस बीच कादरी के ‘क्रांति मार्च’ में शामिल हजारों लोग भी इस्लामाबाद पहुंच गए। यहां पहुंचने से पहले कादरी ने कहा कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा।

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