भारत-अमेरिका बनाएं कारोबार करने के नियम और आसान

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को 2025 तक 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए उद्योग जगत ने दोनों देशों से कारोबार को आसान बनाने के उपायों पर जोर देने को कहा है। यह मौका था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ भारत-अमेरिका सीईओ फोरम की बैठक का। इस दौरान भारतीय उद्योगपतियों ने अमेरिकी कंपनियों के तीसरे देशों में निवेश पर प्रतिबंध, बौद्धिक संपदा अधिकारों और वीजा जैसे कई मुद्दे उठाए। दोनों नेताओं ने फोरम को आश्वस्त किया कि उनकी सरकारें द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इसके नतीजे जल्द ही नजर आएंगे।
दोनों नेताओं के साथ सीईओ फोरम की बैठक में भारतीय उद्योगपतियों को 18 मिनट का समय दिया गया था। बैठक में मौजूद सूत्रों का कहना है कि केवल पांच सीईओ को दो-दो मिनट बोलने का मौका मिला। उसके बाद मंच को सबके लिए खोल दिया गया, जिसमें तकरीबन सभी सीईओ ने हिस्सा लिया। सीईओ फोरम में 30 सदस्य अमेरिकी व्यापार जगत से थे, जबकि 17 भारतीय कारोबारी दिग्गज शामिल हुए।
इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का मेक इन इंडिया अभियान फोकस में रहा। मोदी व ओबामा के साथ चर्चा में एचडीएफसी के मुखिया दीपक पारिख ने दोनों देशों में कारोबार करने के नियम आसान बनाने की मांग की। उन्होंने पारिख ने अमेरिका में वीजा प्रतिबंधों का मामला भी उठाया। भारती एंटरप्राइज के सर्वेसर्वा सुनील भारती मित्तल ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर और स्मार्ट सिटी विकसित करने पर जोर दिया। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कृषि, इनोवेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़े मुद्दे छुए। बायोकॉन की सीएमडी किरण मजूमदार शॉ ने फार्मा और बौद्धिक संपदा अधिकार (आइपीआर) से जुड़े मुद्दे उठाए, जो दोनों देशों के व्यापार में बाधा बन रहे हैं।
ओएनजीसी के सीएमडी दिनेश सर्राफ ने दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) न होने का अफसोस जताते हुए कहा कि इससे एलएनजी का आयात प्रभावित हो रहा है। भारत अमेरिका से एलएनजी के आयात के लिए दीर्घकालिक समझौता करना चाहता है। लेकिन अमेरिका ने एफटीए नहीं होने के चलते एलएनजी की बिक्री पर रोक लगा रखी है।
बाद में हुई खुली चर्चा में हिस्सा लेते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने अमेरिका में निवेश के दौरान भारतीय कंपनियों के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया। महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने रक्षा और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसे मुद्दों पर जोर दिया। वहीं, आइसीआइसीआइ की सीईओ चंदा कोचर ने कर चोरी से जुड़े अमेरिकी कानूनों और फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस एक्ट समेत बैंकिंग से जुड़े कुछ अन्य मुद्दों पर दोनों नेताओं का ध्यान आकर्षित किया।
एडीएजी के प्रमुख अनिल अंबानी ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। एस्सार समूह के प्रमुख शशि रुइया ने अमेरिका में एसटीईएम प्रयासों पर चर्चा की। सीईओ फोरम की अध्यक्षता टाटा समूह के प्रमुख साइरस मिस्त्री और अमेरिकी कंपनी हनीवेल के सीईओ डेविड कोट ने की।
भारत की तरफ से 17 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में अडानी समूह के गौतम अडानी, टोरेंट फार्मा के सुधीर मेहता, भारतीय स्टेट बैंक की मुखिया अरुंधति भट्टाचार्य और भेल प्रमुख बी प्रसाद राव भी शामिल थे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में पेप्सिको की इंदिरा नूई, मैक्ग्रा हिल्स फाइनेंशियल के चेयरमैन हेराल्ड मैक्ग्रा और मास्टरकार्ड के अजय बंगा शामिल थे।

 

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