मोदी के सपनों में रंग भरने को तैयार हुआ अमेरिका

नई दिल्ली । अमेरिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों में रंग भरने को तैयार है। स्मार्ट शहर, स्वच्छता व कचरा प्रबंधन के साथ अमेरिका ‘मेक इन इंडिया’ के लिए कुशल युवाओं को तैयार करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा में इस तरह के कई विषयों पर अमेरिकी कंपनियों ने रुचि दिखाते हुए भारत सरकार के साथ समझौते भी किए हैं।
स्मार्ट सिटी की योजना पर समझौता
शहरों में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए स्मार्ट सिटी की योजना को अमली जामा पहनाने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ समझौता किया है। स्वच्छता व कचरा प्रबंधन में निवेश के साथ कौशल विकास के क्षेत्र में भी अमेरिका ने गहरी रुचि दिखाई है। शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी और घटती बुनियादी सुविधाओं के मद्देनजर सरकार ने देश में सौ स्मार्ट सिटी बनाने का फैसला किया है। इसके लिए विदेशी निवेश की सख्त जरूरत है। अमेरिकी सरकार ने देश में तीन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का जिम्मा स्वीकार किया है।
अजमेर, इलाहाबाद और विशाखापतनम को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर अमेरिकी व्यापार व विकास एजेंसी ने एक समझौता किया है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग, अमेरिकी निर्यात व आयात बैंक जैसी दूसरी एजेंसियां और अन्य व्यापार एवं आर्थिक एजेंसियां इसमें अपना योगदान देंगी।

मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट पकड़ेगा गति
मेकइन इंडिया को गति देने और विनिर्माण क्षेत्र में कुशल कामगारों की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कौशल विकास उच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र बन गया है। उद्योग क्षेत्र के तेज विकास के लिए प्रशिक्षित श्रमिकों की जरूरत है। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए कौशल विकास के क्षेत्र में निवेश की अपेक्षा की है। अमेरिका ने इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाया है। युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए मोदी सरकार ने एक अलग मंत्रालय बना दिया है।
क्लीन इंडिया कैंपेन को बनाना होगा सफल
क्लीन इंडिया कैंपेन को वर्ष 2019 तक सफल बनाने का लक्ष्य रखा गया है। स्वच्छता व कचरा प्रबंधन के लिए अमेरिकी कंपनियों ने आधुनिक तकनीकी संबंधी भारत सरकार के आग्रह को स्वीकार किया है। देश में स्वच्छता के व्यापक अभियान में अमेरिकी कंपनियां हिस्सा लेंगी। इसमें निजी क्षेत्र और सिविल सोसाइटी का भी सहयोग लिया जाएगा।

 

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