परमाणु करार पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस

नई दिल्ली। भारत-अमेरिका परमाणु करार की शर्तों को लेकर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है। समझौते को लेकर अभी कुछ कहने में सावधानी बरत रहे पार्टी नेता इस मुद्दे को लेकर अन्य विपक्षी पार्टियों से संपर्क में हैं। कांग्रेस की योजना संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे पर विपक्ष को एकजुट कर सरकार को घेरने की है।
अब मोदी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर निर्णायक कदम उठाने से तिलमिलाई कांग्रेस सरकार पर संदेह जता रही है। पार्टी ने मोदी सरकार से अमेरिका के साथ की गई परमाणु और जलवायु परिवर्तन डील पर सफाई मांगी है। कांग्रेस नेता व पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने पूछा है कि सरकार को बताना चाहिए क्या उसने देश के हितों से समझौता तो नहीं किया है।
जबकि, राज्य सभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा पहले ही सरकार को आगाह कर चुके हैं। कम्युनिस्ट पार्टियों सहित विपक्ष की कई अन्य पार्टियां पहले ही इस मुद्दे को लेकर सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगा चुकी हैं।
विपक्ष में रहते भाजपा ने क्षतिपूर्ति प्रावधानों पर किया था विरोध
अमेरिका से परमाणु करार के मुद्दे पर सरकार को दांव पर लगा देने के बाद भी भाजपा के विरोध की वजह से संप्रग इस समझौते को परिणति तक पहुंचाने में नाकाम रहा था। उस समय भाजपा ने किसी संभावित दुर्घटना के समय क्षतिपूर्ति के प्रावधानों को मुद्दा बनाकर इसमें अड़ंगा लगा दिया था। हालांकि, अब जब यह करार अमल में लाए जाने पर सहमति बन गई है, तब संकेत मिले हैं कि इसके लिए भारत को एक कदम आगे जाना पड़ा है।
जबकि, परमाणु ईंधन की निगरानी को लेकर अमेरिका एक कदम पीछे हटता दिख रहा है। अमेरिका से निकटता के चलते कांग्रेस भले ही इस मुद्दे को लेकर खामोशी बरत रही है, लेकिन पार्टी समझौते के विस्तृत विवरण का इंतजार कर रही है। कांग्रेस संसद में इस मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की तैयारी में है।

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